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27 May 2022 · 1 min read

खुशियाँ न बिकती कहीं

खुशियाँ न बिकती कहीं, ना खरीद सकते.
एे बेजूबां दिल तू क्या समझे अपनापन?
तुझसे खुमारियत ही मुकरर,
तू ना कभी अपनेपन की महक से ज़िते?
@ किशन कारीगर

Language: Hindi
Tag: शेर
366 Views
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