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27 Sep 2021 · 1 min read

खुशियाँ न बिकती कहीं

खुशियाँ न बिकती कहीं, ना खरीद सकते.
ऐ बेजूबां दिल तूं क्या समझे अपनापन?

तुझसे खुमारियत ही मुकऱर,
तू ना कभी अपनेपन की महक़ से ज़िते?
©किशन कारीगर

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 219 Views
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