Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2020 · 1 min read

खुला सा रख l

खुला सा रख l
बुलबुला सा रख l
ना आशा रख l

सुख है लेना l
सीख ले, अगोरना l
राज, खोल ना l

ध्यान ही धन l
एसा रहे चलन l
नमन मन l

अरविन्द व्यास ” प्यास “

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 195 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सबसे कठिन है
सबसे कठिन है
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
फितरत ना बदल सका
फितरत ना बदल सका
goutam shaw
"The Deity in Red"
Manisha Manjari
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
चुनौती हर हमको स्वीकार
चुनौती हर हमको स्वीकार
surenderpal vaidya
बेदर्द ...................................
बेदर्द ...................................
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
रिसते हुए घाव
रिसते हुए घाव
Shekhar Chandra Mitra
तुम मेरा हाल
तुम मेरा हाल
Dr fauzia Naseem shad
"माटी से मित्रता"
Dr. Kishan tandon kranti
मां की याद आती है🧑‍💻
मां की याद आती है🧑‍💻
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
Chunnu Lal Gupta
Speak with your work not with your words
Speak with your work not with your words
Nupur Pathak
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
Shivam Sharma
झोली मेरी प्रेम की
झोली मेरी प्रेम की
Sandeep Pande
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
डा गजैसिह कर्दम
उनसे पूंछो हाल दिले बे करार का।
उनसे पूंछो हाल दिले बे करार का।
Taj Mohammad
"ओस की बूंद"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
वो जो तू सुन नहीं पाया, वो जो मैं कह नहीं पाई,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
*मंज़िल पथिक और माध्यम*
*मंज़िल पथिक और माध्यम*
Lokesh Singh
दुनियां और जंग
दुनियां और जंग
सत्य कुमार प्रेमी
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
अंसार एटवी
* साधा जिसने जाति को, उसका बेड़ा पार【कुंडलिया】*
* साधा जिसने जाति को, उसका बेड़ा पार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
Vijay kumar Pandey
कविता: सजना है साजन के लिए
कविता: सजना है साजन के लिए
Rajesh Kumar Arjun
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
2945.*पूर्णिका*
2945.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अनुभव
अनुभव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...