खुद से ही खुद को छलते हैं
वो हमसे मुहब्बत करते थे
हम उनसे मुहब्बत करते हैं
कभी हंसते हैं कभी रोते हैं
कभी खुद से बातें करते हैं
दर्द के सतरंगी मौसम में
अश्कों के मोती पिरोते हैं
उनकी बातों वादों में खोये हुए
खुद से ही खुद को छलते हैं
वो हमसे मुहब्बत करते थे
हम उनसे मुहब्बत करते हैं
M Tiwari’Ayan’