खुद को ही मैं भूल गया हूँ ।
खुद को ही मैं भूल गया हूँ
नहीं मिला हूँ वर्षो से।
अपनी बातें भूल गया हूँ
सबकी हालत चर्चो से।
जेब कहा है पता नहीं पर
बढते जाते खर्चों से।
शौक किनारे रखकर भूला
नहीं मिला हूँ अरसो से
खुद को ही मैं भूल गया हूँ
नहीं मिला हूँ वर्षों से ।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र