#ग़ज़ल-10
कमियाँ औरों की न निकाला कीजिए
पहले खुद-खुद को संभाला कीजिए/1
मन दलदल हो अपना तो धो लीजिए
कीचड़ गैरों पर न उछाला कीजिए/2
धोखा पाकर भी तू रखना हौंसला
वो चिंगारी खुद को ज्वाला कीजिए/3
नदिया सागर में मिलके है ठहरती
हथियार सरे-राह न डाला कीजिए/4
फौजी जान गँवा देश सेवा कर रहे
तू दिल खोकर दिल न दिवाला कीजिए/5
“प्रीतम”उम्मीदों के रख जुगनू सदा
रात घिरे तो घर में उजाला कीजिए/6
-आर.एस.प्रीतम
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