खुद को ज़रा तुम
खुद को ज़रा तुम बदल कर तो देखो।
कमियों से अपनी लड़ कर तो देखो।।
कितने कदम तुम मेरा साथ दोगे।
दो कदम साथ मेरे चल कर तो ।।
आसान है गर फ़ितरत बदलना।
मेरी आदतों में ढल कर तो देखो।।
निखरती है रूह भी मेहनत से तेरी ।
पसीने को चेहरे पे मल कर तो देखो।।
खुद को ज़रा तुम बदल कर तो देखो।
कमियों से अपनी लड़ कर तो देखो।।
।।।।डाॅ फौज़िया नसीम शाद