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6 Sep 2023 · 1 min read

***दिल बहलाने लाया हूँ***

***दिल बहलाने लाया हूँ***
***********************

मै नगमें गजलें लाया हूँ,
तेरा दिल बहलाने आया हूँ।

अंधेरों से हूँ लड़ता आया,
रोशन हो कर पथ में छाया हूँ।

कदमों में रहता गिरता-पड़ता,
गिर गिर कर ही उठ पाया हूँ।

दरिया मे गोते खाते – खाते,
लहरों से जा कर टकराया हूँ।

गम के सागर में तेरी खातिर,
आँसू के प्याले भर आया हूँ।

मनसीरत छोटे छोटे नजरानें,
महफ़िल में कुछ गा पाया हूँ।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
94 Views
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