खुद को इतना हंसाया है ना कि
खुद को इतना हंसाया है ना कि
यादों का वो दर्द कोई देख नहीं पाता
और ऐसा कोई भी दिन नहीं जब वो घर याद नहीं आता।
सब क़िरदार की भूमिका हर समय निभा रही हूं
बेटी भी थी कभी मैं बस इसी बात को भुला रही हूं।
खुद को इतना हंसाया है ना कि
यादों का वो दर्द कोई देख नहीं पाता
और ऐसा कोई भी दिन नहीं जब वो घर याद नहीं आता।
सब क़िरदार की भूमिका हर समय निभा रही हूं
बेटी भी थी कभी मैं बस इसी बात को भुला रही हूं।