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7 Nov 2016 · 1 min read

[[खुदा से तुम मिलो ऐसे की जैसे इक रवायत हो ]]

खुदा से तुम मिलो ऐसे की जैसे इक रवायत हो
दुआएँ भी मिले इतनी खुदा की ये इनायत हो

ख़ुशी मुझको मिले इतनी ख़ुदा इतना करम कर दो
अगर तुम साथ दो मेरा , यहाँ इतनी सी क़ुर्बत हो

लकीरे हाथ की तेरी मेरी भी एक जैसी है
सदा ही खुश रहो कोमल खुदा की भी जहानत हो

यकीं मुझको नही होता , मिले हो कुछ पलों पहले
मिले हो तुम मुझे ऐसे कँवल कोमल सी रंगत हो

जमानें की नहीं करना कभी भी फ़िक्र तुम रौनक
तुम्हारे सामने ही अब जमाने की वक़ालत हो

■■■ नितिन शर्मा ■■■

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