खुदा करे कोई गरीब न हो
खुदा करे कोई गरीब न हो !
दुःख दर्द दिल के करीब न हो !!
गरीब हो तो सही सलामत रहे ,
लंगड़,लूला,अंधा,अजीब न हो !!
रोते बिलखते ज़िंदा रहते है ,
माफ़ करे ऐसी नशीब न हो !!
प्यार मोहब्बत सम्मान मिले ,
और कोई उनका रकीब न हो !!
यार बनकर पीठपीछे बुराई करे ,
रब करे ऐसा हबीब न हो !!
अपने होकर भी अपना नहीं है ,
जुगनू के जैसे बद्नशीब न हो !!
(रकीब – दुश्मन, हबीब –दोस्त)