खुदकुशी..!
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जाने क्यों लोग! खुदकुशी कर लेते है।
अपनी मौत के फैसले खुद कर लेते है।।१।।
ये मनु-काया! ईश्वर की सुन्दर कृति है।
मनु-काया के लिए कई रूह तरसती है।।२।।
बड़ी मुश्किल से मिलता है मनु जीवन।
फिर क्यों लोग- नष्ट कर लेते है जीवन।।३।।
खुदकुशी करना तो- बुजदिलों का काम है।
संघर्ष से घबराते है जो- ये उनका काम है।।४।।
ईश्वर की सुन्दर रचना हो- हे मानव तुम।
ईश्वरीय रचना का ना करो अपमान तुम।।५।।
जीवन अनमोल है- खुदकुशी ना करो तुम।
खुदकुशी महापाप है- ये पाप ना करो तुम।।६।।
हे मानव! जिस काज से जग में आएं हो तुम।
मौत से पहले अपना कर्त्तव्य निभाजाओं तुम।।७।।
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रचियता: प्रभुदयाल रानीवाल===========:
:====*उज्जैन{मध्यप्रदेश}*=============:
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