Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2023 · 1 min read

ख़िराज-ए-अक़ीदत

हम कर्जदार हैं
ऐसे इंकलाबियों के!
हम अहसानमंद हैं
ऐसे बागियों के!!
जिन्होंने अपने ख़ून से
हमारे कलंक धोए!
हम शुक्रगुजार हैं
ऐसे एहतिजाजियों के!!
#आंदोलन #प्रदर्शन #धरना
#प्रतिरोध #जुलूस #क्रांति
#विद्रोह #नौजवान #किसान
#मजदूर #राजनीति #विपक्षी #दल
#politics #protest #youths

Language: Hindi
483 Views

You may also like these posts

रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
रक़ीबों के शहर में रक़ीब ही मिलते हैं ।
sushil sarna
आज अकेले ही चलने दो।
आज अकेले ही चलने दो।
Kumar Kalhans
मरने के बाद करेंगे आराम
मरने के बाद करेंगे आराम
Keshav kishor Kumar
प्रेम पत्र
प्रेम पत्र
पूर्वार्थ
मोहब्बत और मयकशी में
मोहब्बत और मयकशी में
शेखर सिंह
" चींटी की ताकत "
Dr. Kishan tandon kranti
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
The Heart Wishes For The Waves.
The Heart Wishes For The Waves.
Manisha Manjari
चाह की चाह
चाह की चाह
बदनाम बनारसी
चाचा नेहरू
चाचा नेहरू
नूरफातिमा खातून नूरी
शीर्षक बेटी
शीर्षक बेटी
Neeraj Agarwal
मेरे चेहरे से मेरे किरदार का पता नहीं चलता और मेरी बातों से
मेरे चेहरे से मेरे किरदार का पता नहीं चलता और मेरी बातों से
Ravi Betulwala
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
"प्रार्थना"
राकेश चौरसिया
sp130 पुरस्कार सम्मान
sp130 पुरस्कार सम्मान
Manoj Shrivastava
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
Dr Manju Saini
गजलकार रघुनंदन किशोर
गजलकार रघुनंदन किशोर "शौक" साहब का स्मरण
Ravi Prakash
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,
Rituraj shivem verma
- तेरे लिए -
- तेरे लिए -
bharat gehlot
जीवन का सार
जीवन का सार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक अधूरी दास्तां
एक अधूरी दास्तां
Sunil Maheshwari
छंद मुक्त कविता : बचपन
छंद मुक्त कविता : बचपन
Sushila joshi
सत्यं शिवम सुंदरम!!
सत्यं शिवम सुंदरम!!
ओनिका सेतिया 'अनु '
अफवाह
अफवाह
Sudhir srivastava
अंतिम यात्रा पर जाती हूँ,
अंतिम यात्रा पर जाती हूँ,
Shweta Soni
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
दीपक झा रुद्रा
आसान होती तो समझा लेते
आसान होती तो समझा लेते
रुचि शर्मा
गांव प्यारा
गांव प्यारा
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
23/99.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/99.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...