खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
दिल की तड़फ बताऊँ किसे कोई नहीं यहाँ |
खामोस है जमीं खामोस आसमां
खामोस है जमीं खामोस आसमां
खुद को खुद में ढूढते और खुद में ही खो गए |
पत्थर हुआ ये दिल मेरा जज़्बात खामोस हो गए ||
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
दिल की तड़फ बताऊँ किसे कोई नहीं यहाँ |
मेरे ख्यालों से तेरा अश्क जाता ही नहीं ,
जाते जाते वो अपना अश्क तक मिटा गए ||
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
दिल की तड़फ बताऊँ किसे कोई नहीं यहाँ |
लिखे लहुं से जो दिल-ए-दास्तान हमने
वो ढूढ ढूढ का हर पत्र जलते चले गए ||
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
दिल की तड़फ बताऊँ किसे कोई नहीं यहाँ |
न लू नाम न करू कभी जिक्र उनका
मैं मारता रहा वो बेबफा का नाम दे गए ||
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
दिल की तड़फ बताऊँ किसे कोई नहीं यहाँ |
नीरज मिश्रा “ नीर” बरही कटनी मध्यप्रदेश