– खामोश मोहब्बत –
– खामोश मोहब्बत –
तुझसे कहना था पर खामोश रहा,
दुनिया की नजरो में ना आना चाहता था,
आ गया अगर दुनिया के तो,
बदनाम हो जाऊंगा,
और साथ में तुझे और तेरे नाम को भी बदनाम कर जाऊंगा,
निभाई थी दोस्ती बिना कुछ कहे बिना कुछ बोले,
न कभी इजहार किया ,
न ही कभी इकरार किया ,
न ही कभी तुमसे बात हुई ,
देखा जो तुम्हे पहली बार दिल धड़का जोर से यार,
मोहब्बत हुई तुमसे न जाने कैसी मन में अग्न जगी
फिर भी मैंने कुछ नही कहा,
मेरे दोस्त कहते है भरत तेरी यह थी खामोश मोहब्बत,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान