Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

“खामोशी”

“खामोशी”
शोर भी होता
इन खामोशियों में
इक फरियाद भी
कुछ याद भी है
कुछ बात भी
जलती चिता भी है
जलते अरमान भी
रोती है दुनिया
बचता केवल राख ही।

2 Likes · 2 Comments · 92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
दाग
दाग
Neeraj Agarwal
काश तुम मेरे पास होते
काश तुम मेरे पास होते
Neeraj Mishra " नीर "
अच्छी तरह मैं होश में हूँ
अच्छी तरह मैं होश में हूँ
gurudeenverma198
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
पंकज कुमार कर्ण
ममतामयी मां
ममतामयी मां
Santosh kumar Miri
" सब्र "
Dr. Kishan tandon kranti
बच्चों के खुशियों के ख़ातिर भूखे पेट सोता है,
बच्चों के खुशियों के ख़ातिर भूखे पेट सोता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम कितने प्यारे हो
तुम कितने प्यारे हो
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
सोलह आने सच...
सोलह आने सच...
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
लाख बुरा सही मगर कुछ तो अच्छा हैं ।
लाख बुरा सही मगर कुछ तो अच्छा हैं ।
Ashwini sharma
rain down abundantly.
rain down abundantly.
Monika Arora
राम बनो, साकार बनो
राम बनो, साकार बनो
Sanjay ' शून्य'
वो तीर ए नजर दिल को लगी
वो तीर ए नजर दिल को लगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जेठ की दुपहरी में
जेठ की दुपहरी में
Shweta Soni
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
Phool gufran
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
शेखर सिंह
✍️ कलम हूं ✍️
✍️ कलम हूं ✍️
राधेश्याम "रागी"
खींचातानी  कर   रहे, सारे  नेता लोग
खींचातानी कर रहे, सारे नेता लोग
Dr Archana Gupta
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
Ravi Betulwala
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
इस सोच को हर सोच से ऊपर रखना,
इस सोच को हर सोच से ऊपर रखना,
Dr fauzia Naseem shad
3348.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3348.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
वो इश्क की गली का
वो इश्क की गली का
साहित्य गौरव
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
Atul "Krishn"
वक्त के धारों के साथ बहना
वक्त के धारों के साथ बहना
पूर्वार्थ
कर्मों के अनुरूप ही,
कर्मों के अनुरूप ही,
sushil sarna
पुरवाई
पुरवाई
Seema Garg
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
Loading...