Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2022 · 1 min read

खामोशी की एक चादर इस संकल्प के साथ

वह घर के किसी कोने में पड़ी एक सामान सी ही एक बुत की शक्ल लिए चली जा रही थी। उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता था कि उसने खामोशी की एक चादर इस संकल्प के साथ अब हमेशा के लिए अपने ऊपर ओढ़ ली हो जैसे कि वह अब उसे मरते दम तक तो कम से कम नहीं उतारेगी। दिन प्रतिदिन बिगड़ते हालातों के सामने उस वीरांगना ने आखिरकार घुटने टेक ही दिए थे। गर आपका परिवार ही आपके खिलाफ खड़ा हो जाये तो यह निर्णय शायद अंतिम होता है और उचित भी। मन ही मन पर एक बात उसने भी ठान रखी थी कि घर से उसे बाहर फेंकने की उसके घर वालों की ही साजिश पर वह कभी अपने जीते जी सफल नहीं होने देगी। इस घर से तो उसकी विदाई उसकी अर्थी उठने पर ही होगी चाहे फिर उसके पीछे उसकी मौत पे रोने वाला इस घर में कोई नहीं भी हो तो।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
193 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
*सुनकर खबर आँखों से आँसू बह रहे*
*सुनकर खबर आँखों से आँसू बह रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"योगी-योगी"
*प्रणय प्रभात*
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
संस्कार
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
हर किसी को कहा मोहब्बत के गम नसीब होते हैं।
हर किसी को कहा मोहब्बत के गम नसीब होते हैं।
Phool gufran
चांदनी न मानती।
चांदनी न मानती।
Kuldeep mishra (KD)
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
पूर्वार्थ
अंतिम इच्छा
अंतिम इच्छा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
छल करने की हुनर उनमें इस कदर थी ,
छल करने की हुनर उनमें इस कदर थी ,
Yogendra Chaturwedi
आज़ के पिता
आज़ के पिता
Sonam Puneet Dubey
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
रमेशराज के प्रेमपरक दोहे
कवि रमेशराज
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
लक्ष्मी सिंह
Tumhari sasti sadak ki mohtaz nhi mai,
Tumhari sasti sadak ki mohtaz nhi mai,
Sakshi Tripathi
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
"भौतिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
प्रेमदास वसु सुरेखा
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
Dr Archana Gupta
एक सच
एक सच
Neeraj Agarwal
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
कवि दीपक बवेजा
.......रूठे अल्फाज...
.......रूठे अल्फाज...
Naushaba Suriya
2898.*पूर्णिका*
2898.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बोल दे जो बोलना है
बोल दे जो बोलना है
Monika Arora
गम भुलाने के और भी तरीके रखे हैं मैंने जहन में,
गम भुलाने के और भी तरीके रखे हैं मैंने जहन में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आभा पंखी से बढ़ी ,
आभा पंखी से बढ़ी ,
Rashmi Sanjay
स्त्री चेतन
स्त्री चेतन
Astuti Kumari
बाइस्कोप मदारी।
बाइस्कोप मदारी।
Satish Srijan
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
Loading...