Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2021 · 1 min read

खामोशी का लिबास पहनाकर

हर बार मैं यह सोचकर
बात करती हूं कि
इस बार कुछ अच्छे से बात होगी
व्यवहार कुछ सुधरेगा
कुछ अपनेपन
कुछ दिल की
कुछ सुकून देती बात होगी
लेकिन यह सब सोचना
बिल्कुल व्यर्थ
जिसकी जो आदतें पकी होती हैं
वह लोग जीवन भर
कभी नहीं सुधरते
बस एक दिन खुद को ही
खामोशी का लिबास
पहनाकर
उनसे न चाहते हुए भी
मुंह मोड़कर
उनसे किनारा करते हुए
उन्हें पहचानने से इंकार करते हुए
अपना रास्ता बदलना पड़ता है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 538 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
सोहर
सोहर
Indu Singh
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पापियों के हाथ
पापियों के हाथ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
VINOD CHAUHAN
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
gurudeenverma198
" मकसद "
Dr. Kishan tandon kranti
विडम्बना
विडम्बना
Shaily
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
सभी लालच लिए हँसते बुराई पर रुलाती है
आर.एस. 'प्रीतम'
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय*
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
PK Pappu Patel
Some people are essential in your life. They bring light .Th
Some people are essential in your life. They bring light .Th
पूर्वार्थ
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
उम्मीदें रखना छोड़ दें
उम्मीदें रखना छोड़ दें
Meera Thakur
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
फागुन की अंगड़ाई
फागुन की अंगड़ाई
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
तेरी याद
तेरी याद
Shyam Sundar Subramanian
4681.*पूर्णिका*
4681.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रारब्ध का सत्य
प्रारब्ध का सत्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक नया रास्ता
एक नया रास्ता
Bindesh kumar jha
कानून?
कानून?
nagarsumit326
तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
Kanchan Alok Malu
"शिक्षक दिवस "
Pushpraj Anant
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
DrLakshman Jha Parimal
गणतंत्रता दिवस
गणतंत्रता दिवस
Surya Barman
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
సూర్య మాస రూపాలు
సూర్య మాస రూపాలు
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*** कभी-कभी.....!!! ***
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
Loading...