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सिद्धार्थ गोरखपुरी
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3 Jun 2022 · 1 min read
खाक
वक़्त के इशारे को इत्तेफाक समझते रहे
बात ग़र यही है तो क्या खाक समझते रहे
-सिद्धार्थ
Language:
Hindi
Tag:
शेर
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