ख़्वाहिश
बेशक न हो जो ख्वाहिश पूरी नहीं होती
मगर हमसे किसी की जी हुज़ूरी नही होती
दुनिया छोड़ दी जाए एक शख़्स के लिए ‘अर्श’
यह मोहब्बत इतनी भी ज़रूरी नही होती
बेशक न हो जो ख्वाहिश पूरी नहीं होती
मगर हमसे किसी की जी हुज़ूरी नही होती
दुनिया छोड़ दी जाए एक शख़्स के लिए ‘अर्श’
यह मोहब्बत इतनी भी ज़रूरी नही होती