Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr fauzia Naseem shad
189 Followers
Follow
Report this post
3 Aug 2024 · 1 min read
ख़्वाब कोई
नींद तब आये मेरी आंखों को,
ख़्वाब कोई अगर मुकम्मल हो।
डाॅ○फ़ौज़िया नसीम शाद
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
2 Likes
· 91 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
फ़ासले
Dr. Fauzia Naseem Shad
एहसास के मोती
Dr. Fauzia Naseem Shad
मेरे एहसास
Dr. Fauzia Naseem Shad
You may also like:
दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज नींद है ,जो इंसान के कुछ समय के ल
Ranjeet kumar patre
*ट्रक का ज्ञान*
Dr. Priya Gupta
सुबह देखता हूं शाम देखता हूं
Rituraj shivem verma
*BOOKS*
Poonam Matia
"वक्त-वक्त की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
पूर्वार्थ
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बार - बार गिरती रही,
sushil sarna
मैं तुमसे यह नहीं पूछुंगा कि------------------
gurudeenverma198
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
Ajit Kumar "Karn"
मैं रूठूं तो मनाना जानता है
Monika Arora
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सब गुजर जाता है
shabina. Naaz
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
Shweta Soni
आदर्श
Bodhisatva kastooriya
सुखी होने में,
Sangeeta Beniwal
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
.......अधूरी........
Naushaba Suriya
किसी से कभी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
i9bet là một trong những nền tảng cá cược trực tuyến uy tín
i9betsfarm
3369⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
प्यारा सा स्कूल
Santosh kumar Miri
स्वीकारा है
Dr. Mulla Adam Ali
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
शेखर सिंह
तुम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
# आज की मेरी परिकल्पना
DrLakshman Jha Parimal
■ जय लोकतंत्र■
*प्रणय*
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
Loading...