Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2021 · 1 min read

ख़्वाबों की दुनियाॅं का सच !

ख़्वाबों की दुनियाॅं का सच !
“””””””””””””””””””””””””””””””

बैठा था इक दिन शांत में….
खोया हुआ था अरमान में….
इसमें इतना डूब चुका था….
जो ले गया मुझे आसमान में !!

ख्वाबों की दुनिया बिल्कुल स्वप्निल थी !
चाॅंद सितारों की बारात सजी हुई थी !
छटा वहाॅं की बिल्कुल ही निराली थी !
पवन जहाॅं पे मद्धम गति से इतराई थी !!

मंज़िल मुझे स्पष्ट दिख रही थी !
वर्षों की ख्वाहिशें पूरी हो रही थी !
मंज़िल के इतने करीब आकर भी….
इक सिहरन सी महसूस हो रही थी !!

सिहरन थी अचानक मंज़िल पा जाने की !
चकाचौंध की दुनिया में गुम हो जाने की !
सबकी ऊॅंची ऊॅंची मंज़िलों को देखकर….
अपनी छोटी सी मंज़िल में ही छुप जाने की !!

एकाएक जब किसी के सपने पूरे होता !
वहाॅं खुद पे तो जल्द यकीं ही ना होता !
पर कोई फल मेहनत से जब है मिलता !
तो आत्मविश्वास वहाॅं बिल्कुल ही बढ़ जाता !
और अंतर्मन जिसे अपना सहर्ष स्वीकार करता !!

तो ऐ दिन में ख़्वाब देखने वाले सुन लें….
ख़्वाब तो देखें पर मेहनत का ही रास्ता चुन लें !
जब किसी चकाचौंध भरी दुनिया में हम जाते हैं ,
तो वहाॅं का वातावरण हमें तब स्वीकार करता है ,
जब वहाॅं की आवोहवा के साॅंचे में हम ढल जाते हैं !!

_ स्वरचित एवं मौलिक ।

© अजित कुमार कर्ण ।
__ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : १४/०६/२०२१.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
12 Likes · 5 Comments · 638 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रास्ते और राह ही तो होते है
रास्ते और राह ही तो होते है
Neeraj Agarwal
*अनकही बातें याद करके कुछ बदलाव नहीं आया है लेकिन अभी तक किस
*अनकही बातें याद करके कुछ बदलाव नहीं आया है लेकिन अभी तक किस
Shashi kala vyas
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
Shekhar Chandra Mitra
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
अपनी पहचान
अपनी पहचान
Dr fauzia Naseem shad
एहसास
एहसास
Kanchan Khanna
करवा चौथ@)
करवा चौथ@)
Vindhya Prakash Mishra
💐प्रेम कौतुक-504💐
💐प्रेम कौतुक-504💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हममें आ जायेंगी बंदिशे
हममें आ जायेंगी बंदिशे
Pratibha Pandey
इश्क की वो  इक निशानी दे गया
इश्क की वो इक निशानी दे गया
Dr Archana Gupta
इतना ना हमे सोचिए
इतना ना हमे सोचिए
The_dk_poetry
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
Phool gufran
मेहनत और अभ्यास
मेहनत और अभ्यास
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
क्यों मानव मानव को डसता
क्यों मानव मानव को डसता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
पागल मन कहां सुख पाय ?
पागल मन कहां सुख पाय ?
goutam shaw
सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
सज्जन से नादान भी, मिलकर बने महान।
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरी बेटी मेरी सहेली
मेरी बेटी मेरी सहेली
लक्ष्मी सिंह
रपटा घाट मंडला
रपटा घाट मंडला
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
Naushaba Suriya
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
Babli Jha
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
#अपनाएं_ये_हथकंडे...
#अपनाएं_ये_हथकंडे...
*Author प्रणय प्रभात*
2863.*पूर्णिका*
2863.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
Vishal babu (vishu)
राजस्थान
राजस्थान
Anil chobisa
हकीकत जानते हैं
हकीकत जानते हैं
Surinder blackpen
जिन्दगी
जिन्दगी
Bodhisatva kastooriya
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
Chandrakant Sahu
Loading...