ख़ामोश
जीवन में
कई दफ़ा
ऐसा दौर आया,
जब
मैं कुछ कहना चाहता था,
किंतु मुझे यह भी ज्ञात था,
कि मेरे कह देने से
खत्म हो जाएगा सबकुछ
इसलिए मैंने
ख़ामोश रह कर
उस रिश्ते को
जीवंत रहने दिया।
बहुत कुछ है इस जीवन में
जो कहने से नहीं बचता,
चुपचाप सहने से बच जाता है।