ख़बर-इश्क ए वतन से
इश्क ए वतन से ख़बर दो कोई
हम उन्हें भूल जाने की कोशिश करेंगे
राहों से छिपकर चले जाएंगे हम
मगर बेवफ़ा का ज़िकर ना करेंगे
इश्क ए वतन से ख़बर दो उन्हें
हम आँखों से आंसू बरसने ना देंगे
वो मांगेगी हर एक दुआ में हमें
मगर खुद को फिर से बिखरने ना देंगे
इश्क ए वतन से ख़बर दो उन्हें
हम किसी और के दिल की धड़कन बनेंगे
कभी ख़्वाब में भी अगर वो जो आई
हम सांसो का अपनी समर्पण करेंगे
इश्क ए वतन से ख़बर दो कोई
हम उन्हें भूल जाने की कोशिश करेंगे