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23 Apr 2024 · 1 min read

“खत”

“खत”
खत का ना कोई जवाब आया
फकत ख्वाबों का सैलाब आया।
मजमून ना सूझते कोई हमको,
क्यूँ ना उन्हें हमारा ख्वाब आया।

3 Likes · 4 Comments · 98 Views
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