Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2017 · 2 min read

खत के जवाब में

खत के जबाब में…..

पूछा था मैंने हालचाल इस ख्याल से
चेहरा हसीं दिख जायगा आज फिर ख्बाब में
मत पूछिये क्या भेजा उसने खत के जबाब में
तमाम फूल सूखे हुए इक बंद रूमाल में
मत पूछिये……..
खुशबुएँ वो मोगरे की लौटा दी उसने सारी
खोल पन्ने किताब के तितलियॉ उडा दी सारी
ऑसूओं के निशॉ तक हटा दिये निगाहों से
मत पूछिये क्या भेजा उसने खत के जबाब में
मत पूछिये……..
दिल ए आइने पर छाई धूल तक न हटाई
तस्वीर निकाल दी सीने से, न रोयी,न मुस्कायी
मैं बैठा ही रह गया,उसकी वफा के इंतजार मे
मत पूछिये क्या भेजा उसने खत के जबाब में
मत पूछिये…….
कभी पी थी जिनसे वो पैमाने तोड दिये
मिलते थे दिन रात जहॉ,वो मैखाने छोड दिये
आवारा सा फिरता हूँ अब उसके ख्याल में
मत पूछिये क्या भेजा उसने खत के जबाब में
मत पूछिये……
कर करके याद एक एक सब तोहफे लौटा दिये
संग गुजारे थे जो हसीन सहारे लौटा दिये
हर्फ तक मुहब्बत का नजर आता नही किताब में
मत पूछिये क्या भेजा उसने खत के जबाब में
मत पूछिये……
नाम सभी ,जो उसको दिये थे,मैंने मुहब्बत में
लगाके तोहमते इक इक कर लौटा दिये मुझकोे
आज न चॉद, न ताज,न वो आफताब में
मत पूछिये क्या भेजा उसने खत के जबाब में
मत पूछिये……
कुछ ओर ही भेजा होता गर जबाब में
सोच लेता कुछ हसीम उसके ख्याल में
पर, छोडा ही नही रास्ता उसने मेरे हिसाब मे
मत पूछिये क्या भेजा उसने खत के जबाब में
मत पूछिये….
वंदना मोदी गोयल

Language: Hindi
295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माँ तेरा ना होना
माँ तेरा ना होना
shivam kumar mishra
"हृदय में कुछ ऐसे अप्रकाशित गम भी रखिए वक़्त-बेवक्त जिन्हें आ
दुष्यन्त 'बाबा'
पापा गये कहाँ तुम ?
पापा गये कहाँ तुम ?
Surya Barman
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"रामनवमी पर्व 2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
ओसमणी साहू 'ओश'
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
Buddha Prakash
23/187.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/187.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सीने का समंदर, अब क्या बताऊ तुम्हें
सीने का समंदर, अब क्या बताऊ तुम्हें
The_dk_poetry
प्रेम लौटता है धीमे से
प्रेम लौटता है धीमे से
Surinder blackpen
चश्मे
चश्मे
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
पंचचामर मुक्तक
पंचचामर मुक्तक
Neelam Sharma
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
दर्द अपना संवार
दर्द अपना संवार
Dr fauzia Naseem shad
कहानियां ख़त्म नहीं होंगी
कहानियां ख़त्म नहीं होंगी
Shekhar Chandra Mitra
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
Shivam Sharma
💐प्रेम कौतुक-491💐
💐प्रेम कौतुक-491💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"सब्र"
Dr. Kishan tandon kranti
मंत्र की ताकत
मंत्र की ताकत
Rakesh Bahanwal
यह  सिक्वेल बनाने का ,
यह सिक्वेल बनाने का ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
शिक्षक हमारे देश के
शिक्षक हमारे देश के
Bhaurao Mahant
व्यर्थ विवाद की
व्यर्थ विवाद की
*Author प्रणय प्रभात*
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
कर गमलो से शोभित जिसका
कर गमलो से शोभित जिसका
प्रेमदास वसु सुरेखा
*पुण्य कमाए तब मिले, पावन पिता महान (कुंडलिया)*
*पुण्य कमाए तब मिले, पावन पिता महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
वह एक वस्तु,
वह एक वस्तु,
Shweta Soni
Loading...