खतों का जमाना
प्यार का वो ठिकाना, सनम खो गया ।
अब खतों का जमाना,सनम खो गया।
मेल है, ट्विटर है, फेस बुक भी तो है,
अब पतों का जमाना, सनम हो गया।
चूम लूँ तेरे हाथों को, कहते थे वो,
उन सफों का जमाना, खत्म हो गया।
जब भी याद आए वो, तो पिटारा खुले,
उन पलों का जमाना, खतम हो गया।
अब न कोई निशां, यादों के साए का,
क्यूँ खतों का जमाना, खतम हो गया।
खत पुराने न अब तो, मिलें दोस्तों,
यादों का अब जमाना, खत्म हो गया ।
जो टूटे सितारे, मिले फिर कहाँ ,
‘इन्दु’ उनका जमाना, खत्म हो गया ।
डॉ.इन्दु झुनझुनवाला