खंजर हो न हो
दिल की मेरे तू कभी तो पूछ ले
बात हमारी फिर मिलकर हो न हो
हो सके तो याद हमको कर लेना
फिर कभी आना तेरे शहर हो न हो
बह चला सहलाब आंखो से देखो
कर लेना परवाह प्यार गर हो न हो
हम हो गए घायल तेरे शब्दो से ही
पास भले तेरे फिर खंजर हो न हो