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20 Dec 2018 · 1 min read

खंजर हो न हो

दिल की मेरे तू कभी तो पूछ ले
बात हमारी फिर मिलकर हो न हो

हो सके तो याद हमको कर लेना
फिर कभी आना तेरे शहर हो न हो

बह चला सहलाब आंखो से देखो
कर लेना परवाह प्यार गर हो न हो

हम हो गए घायल तेरे शब्दो से ही
पास भले तेरे फिर खंजर हो न हो

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