Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2018 · 1 min read

क्‍यों है

मुफलिसी में रोटी और भूख में तकरार क्यों है
इबादत के लिए मंदिर मस्जिद अलहदा क्यों है

सजदा जमीं पर वो देखता आसमान से क्योंं है
आब नदी में मीठा पर समंदर में खारा क्यों है

पैगम्बर ए इंसानियत इस इंसां में फर्क क्योंं है
सियासी गलियारों में हिन्दु मुस्लिम से क्यों हैं

जिन्दगी मौत है तो तरीके हयात जुदा क्योंं है
मैं अच्छा मेरा ही अच्छा ऐसे ख्या‍लात क्यों हैं

हर अच्छी बुरी शय का रब जिम्मेदार क्यों हैं
मोहब्बत है जहां में तो नफरते जगह क्यों हैं

लक्ष्‍मण सिंह

577 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संतोष करना ही आत्मा
संतोष करना ही आत्मा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
महायोद्धा टंट्या भील के पदचिन्हों पर चलकर महेंद्र सिंह कन्नौज बने मुफलिसी आवाम की आवाज: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
वो साँसों की गर्मियाँ,
वो साँसों की गर्मियाँ,
sushil sarna
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
कवि दीपक बवेजा
औरत की नजर
औरत की नजर
Annu Gurjar
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
अनिल कुमार
गुब्बारा
गुब्बारा
लक्ष्मी सिंह
तबकी  बात  और है,
तबकी बात और है,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
Phool gufran
मै शहर में गाँव खोजता रह गया   ।
मै शहर में गाँव खोजता रह गया ।
CA Amit Kumar
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूर्वार्थ
हम छि मिथिला के बासी
हम छि मिथिला के बासी
Ram Babu Mandal
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
VINOD CHAUHAN
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
धमकियां शुरू हो गई
धमकियां शुरू हो गई
Basant Bhagawan Roy
जग की आद्या शक्ति हे ,माता तुम्हें प्रणाम( कुंडलिया )
जग की आद्या शक्ति हे ,माता तुम्हें प्रणाम( कुंडलिया )
Ravi Prakash
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
manjula chauhan
पैगाम
पैगाम
Shashi kala vyas
हरषे धरती बरसे मेघा...
हरषे धरती बरसे मेघा...
Harminder Kaur
शायरों के साथ ढल जाती ग़ज़ल।
शायरों के साथ ढल जाती ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
न जाने ज़िंदगी को क्या गिला है
न जाने ज़िंदगी को क्या गिला है
Shweta Soni
सब अपनो में व्यस्त
सब अपनो में व्यस्त
DrLakshman Jha Parimal
2672.*पूर्णिका*
2672.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
"विदाई की बेला में"
Dr. Kishan tandon kranti
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...