क्षणिकाएं: नेता
////नेता////
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(1)
मेरा ही तो
मुझको देता
करता कुछ
अहसान नहीं
क्यों नेता की
निष्ठाओं पर
उठता कोई
सवाल नहीं ?
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(2)
खुद का करें
ख्याल खूब
औरों का कुछ
ध्यान नहीं
उसको इतना
मत पूजो
नेता है
भगवान नहीं
***
(3)
ऐसा कोई
सगा नहीं
उसने जिसको
ठगा नहीं
जब तक दगा
किया नहीं
तब तक वो
नेता बड़ा नहीं
***
(4)
तोड़ी सब
मर्यादाएं
हम तो बिल्कुल
हैरान नहीं
अपनी पाखंडी
दुनिया से
है नेता भी
अनजान नहीं
***
– रामचन्द्र दीक्षित’अशोक’