क्रोध
कभी क्रोध मत कीजिए
हो खुद का विनाश
माचिस की तीली को देख लो
खुद जलती है पहले वो
जlलाती फिर संसार को
गुस्सा भी भांति होता है उसके
जलाता है पहले वो हमें
फिर नष्ट करता संसार को
कभी क्रोध मत कीजिए
हो खुद का विनाश
भला किसी का ना कर सके
ना भला करे खुद का
बुद्धि भ्रष्ट होती है अपनी
बुद्धि भ्रष्ट करती है संसार की
क्रोध वह दानव है
जो सर्वनाश करता है तेरा
धीरे धीरे डसता है ये
सर्प की भांति तुझको ही
कभी क्रोध मत करना यारो
कर दोगे अपना ही विनाश