क्रोध का निवारण क्या संभव है ?
शहर की गंदगी को देखकर ,
सरकार की अव्यवस्थाओं को देखकर,
लोगों के स्वार्थपूर्ण व्यवहार को देखकर,
अपनी बनाई हुई योजनाओं के असफल होने पर ,
घर में असमय मेहमानों के आने पर ,
कोई जरूरी काम करते समय कॉल बेल बजने और
मोबाइल फोन पर कॉल आने पर,
इन सभी उपरोक्त कारणों की वजह से ,
हमें बहुत गुस्सा आता है।
कदम से!!
क्या करें नियंत्रण नहीं हो पाता,
ऐसे में मन करता है शहर से दूर किसी हिमालय ,
गुफा में जाकर एकांतवास करें ।
लेकर कुछ अपना जरूरी साजो सामान और कलम ,
डायरी सदा के लिए वही वास करें ।
फिर अंतर्मन से सहसा आवाज़ आती है ”
” अनु ” क्या तुझे वहां शांति मिल जायेगी ?
क्या वहां जाकर क्रोध तेरा पीछा छोड़ देगा?
शहर में समाज के बीच निम्नलिखित समस्याएं है ,
तो क्या वहां खत्म हो जाएंगी ?
हम वहीं निरुत्तर हो गए ।