क्रिसमस से नये साल तक धूम
शीर्षक – क्रिसमस से नये साल तक धूम
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सच तो क्रिसमस से नये साल तक धूम मची हैं।
आज कल हम जिंदगी सोचते न समझते हैं।
हम सभी अपने अपने स्वार्थ में बस मन रखते हैं।
क्रिसमस से नये साल तक धूम हम सभी करते हैं।
दिन ठंड और कोहरे के साथ हम मस्त हो जाते हैं।
इच्छाओं के साथ साथ हम गर्म कपड़े पहनते हैं।
सेंटा क्लॉज के साथ हम सभी सेल्फी खुब लेते हैं।
हम सब यीशु के साथ कैंडल लाइट करतें हैं।
हां सच नये वर्ष के इंतजार में दिन पांच रहते हैं।
नया सवेरा नयी धूप के एक साथ हम मस्त रहते हैं।
बस शब्दों में क्रिसमस से नये साल तक धूम मचाते हैं।
तेरी मेरी चाहत और मोहब्बत का इजहार हम करते हैं।
सच और सोच ही जीवन का जुनून हम सभी जानते हैं।
आओ मिलकर क्रिसमस से नये साल तक धूम मचाते हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र