क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023
उठी थी एक लहर उंची
तट को छू ना सकी
भाव के ज्वार का
ताप वो सह ना सकी
वेग ले चली थी वो
आसमान को चूमने
बस निकट ही पंहुच कर
फंस वो गई भंवर मे
स्नेह था , आशीष था
जोश पूरे हिंद मे था
हर पलक मे बंद
ख्वाब बस जीत था
कला भी विराट थी
रोहित लिए शौर्य था
रण का हर सिपाही
राहुल संग निपुण था
फिर भी लक्ष्य चूक गया
शत्रु किला भेद गया
हौसला गिरा के वो
जोश को समेट गया
फिर उठेगी एक लहर
और अधिक प्रवाह से
ना लेगी विश्राम वो
बिना पंहुचे मुकाम पे
जोश है जुनून है
हार ना कुबूल है
आन बान शान की
आग अजर अमर है
संदीप पांडे”शिष्य” अजमेर