“क्रन्दन”
“क्रन्दन”
करुण क्रन्दन करता है
पड़ोस के पर्वत
जिसके हृदय को
बड़ी बेदर्दी से चीर कर
निकाल रहे सारे द्रव्य,
और उसी से बना रहे
दूर शहरों में
बड़ी-बड़ी कोठियाँ भव्य।
“क्रन्दन”
करुण क्रन्दन करता है
पड़ोस के पर्वत
जिसके हृदय को
बड़ी बेदर्दी से चीर कर
निकाल रहे सारे द्रव्य,
और उसी से बना रहे
दूर शहरों में
बड़ी-बड़ी कोठियाँ भव्य।