” क्यों…”
क्यों…
लड़के मस्ती करते हैं तो बात आम होती है
लड़कियाँ करती हैं तो बतंगड़ होती है ?
क्यों…
पुरूष बिना कहे बाहर जायें बात आम होती है
औरत जाये तो नाफरमान होती है ?
क्यों…
लड़के की हर गलती बात आम होती है
लड़की की एक गलती भी खराब होती है ?
क्यों…
लड़कों को सर पर चढ़ाना बात आम होती है
लड़कियों को चढ़ायें तो बेकार होती हैं ?
क्यों…
लड़को के नाम जायज़ाद होना बात आम होती है
लड़कियों को कानून के सहारे की ज़रूरत होती है ?
क्यों…
लड़कों का क्रिया क्रम करना बात आम होती है
लड़कियों के लिए मान्यता के खिलाफ होती है ?
क्यों…
लड़कों का रात में निकलना बात आम होती है
लड़कियों के लिए वही बुरी बात होती है ?
क्यों…
लड़कों को वंशधर कहना बात आम होती है
लड़कियों को कहना शर्मसार होती है ?
सोचा है…
लड़कियों को गर्भ में ही मार कर
लड़कों को स्वीकारते गये
अपने अंधकारमय भविष्य के लिए
वृद्धा आश्रम की नींव में ईंट लगाते गये ,
कमाल है…
जनती हैं लड़कियाँ औलादों को
अरे ! बेटे को बेटा हुआ है कहते हो
ये कह अपनी छोटी सोच का
हर पल परिचय देते रहते हो ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 04/11/2020 )