” क्यों? “
” क्यों? ”
सोचता रहा बचपन में
कि तुम कौन हो?
दुनिया में शोर मचाकर भी
आखिर क्यों मौन हो?
औरों की नजरें पूछती रही
कि मैं कौन हूँ?
जाति बतलाता न धर्म
आखिर क्यों मौन हूँ?
” क्यों? ”
सोचता रहा बचपन में
कि तुम कौन हो?
दुनिया में शोर मचाकर भी
आखिर क्यों मौन हो?
औरों की नजरें पूछती रही
कि मैं कौन हूँ?
जाति बतलाता न धर्म
आखिर क्यों मौन हूँ?