क्यों हो इतने हताश
क्यों हो तुम इतने हताश।
नहीं जीत पाये ,…..तो क्या हुआ??
पहले खुद को जीतो।
लडो़ एक जंग खुद से,
हर सलाख,पिघल जायेगी।
इतना न तू हो निराश।
नौकरी नहीं मिली ,…..तो क्या हुआ??
दो हाथ तो दिये हैं भगवान ने,
मेहनत मज़दूरी कर,..
नये नये मौके तलाश।
नशे का आदी हो गया तू,…..तो क्या हुआ।
निकल इस दलदल से
माता-पिता देंगे शाबाश।
Surinder Kaur