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14 May 2023 · 1 min read

‘क्यों’ (हिन्दी ग़ज़ल)

क़र्ज़, इक मुस्कान का, मय सूद के चढ़ता रहा,
बात क्या थी, उसके अत्याचार क्यों सहता रहा।

स्वप्न मेँ मिलने भी तो, वो बेवफ़ा आया नहीं,
क्यूँ ज़माना, बेबसी पे, था मिरी, हँसता रहा।

रुख़सती पर पलट कर, उसने भले देखा नहीं,
आएगा इक रोज़, क्यों मित्रों से मैं, कहता रहा।

सर पटकती प्रीति थी, दहलीज़ पर उसकी रही,
दर्द उसका, अश्रु बन, नयनों मेँ क्यूँ रहता रहा।

एक “आशा” क्यूँ रही, मैं साथ मेँ उसके हँसूँ,
वेदना, हिन्दी ग़ज़ल मेँ, क्यूँ बयाँ करता रहा..!

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 294 Views
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Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
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