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19 Jun 2022 · 1 min read

क्यों कहाँ चल दिये

इस तरहां आज होकर विदा, क्यों कहाँ चल दिये।
करके हमको आज अकेला,ऐसे कहाँ चल दिये।।
इस तरहां आज——————-।।

बात हुई क्या, हमसे कहो, शर्म हमसे नहीं करो।
पर्दा करो नहीं हमसे यूं ,हम पर वहम नहीं करो।।
भूल क्या हमसे हुई, बिन बताये क्यों चल दिये।
इस तरहां आज ———————–।।

आपने क्या सुना, जो सच है वह हमसे सुनो।
चाहे यकीन मत हमपे करो, राह गलत मत चुनो।।
खरीदने आप प्यार को, किस बाजार में चल दिये।
इस तरहां आज——————।।

जिससे हुई है तुमको मोहब्बत, वफ़ा वह होगा नहीं।
चाहे रहोगी वहाँ महलों में, प्यार मुझसा होगा नहीं।।
हमको करके यूं बदनाम , ऐसे कहाँ आप चल दिये।
इस तरहां आज——————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार–
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 359 Views
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