क्योंकि सास कभी माँ नहीं होती
क्योंकि सास कभी माँ नहीं होती
कहते है कोई सास कभी माँ नहीं बन सकती।
वैसे तो वह भी एक माँ ही होती है, लेकिन अपनी बहू के लिए कभी माँ बनकर नहीं रह सकती।
सास को माँ मत समझो और ना ही उनसे कभी माँ जैसी कोई उम्मीद रखो।
क्योकि …
जब तुम लडखडाकर गिरोगी तो माँ दौड़ती चली आएगी तुम्हें उठाने के लिये, लेकिन सास कभी तुम्हें उठाने नही आएगी, वह खुद तुम्हें उठना सिखाएगी।
जब तुम पर या परिवार पर कोई मुसीबत आती है, तो माँ हमेशा आगे ढाल बनकर खडी रहती है, लेकिन सास तुम्हें आगे खडा करके ढाल बनकर लडना सिखाएगी।
तुम सुबह देर तक सोती रहो, माँ तुम्हें कभी कुछ नही कहेगी, लेकिन सास कभी तुम्हें सोने नही देगी, वह तुम्हें वक्त पर जागना और सतर्क रहना सिखाएगी।
तुम कितनी भी देर तक दोस्तो से बाते करो, पूरे दिन फोन पर लगी रहो, माँ तुम्हें नही रोकेगी, लेकिन तुम्हारी सास तुम्हें हमेशा रोकती रहेंगी, ताकि तुम एक *जिम्मेदार इन्सान बनो और वक्त की कदर करना सीखो।
सबसे मुश्किल काम होता है परिवार को सम्भालना और उसे जोड़े रखना, इस काम के लिए *सास से अच्छी टीचर कोई हो ही नही सकती, जो तुम्हें एक जिम्मेदार इन्सान बनाती है, और अक्सर खुद बुरी बनकर अपनी बहू के लिए भला ही सोचती है।
जिसने अपनी उमर के कई साल लगा दिये उस परिवार को जोड़े रखने के लिए, वह माँ एक सास बनकर जब उस परिवार की जिम्मेदारी अपनी बहू को सोंपेगी तो पहले वह उस बहू को उसके लायक तो बनाएगी ही।
हर सास अलग होती है, हर किसी का तरीका अलग होता है, लेकिन इरादा और नीयत हमेशा नेक होती है, और अपने परिवार के लिए समर्पित होती है। वह तो सास को बुरा दिखाकर TV serials वालो ने सास के लिए नफरत भर दी है, वरना पहले बहूए सास के बारे मे इतना भी बुरा नही सोचती थी।
जो बहू सास के साथ नहीं निभा सकती, सास को छोड़ अलग रहती है, वो नहीं समझ पाती कि एक बिन डोर की पतंग को अक्सर हवा के साथ जहाँ चाहे वहाँ उड़ना होता है, और फिर एक दिन जमीन पर आकर गिरना होता है, अगर जीवन मे उंचाई को छूना है, तो हमेशा अपनी डोर से बंधे रहो, जो तुम्हें खींचेगी, मन चाही जगह नही उडने देगी लेकिन तुम्हें कभी गिरने भी नही देगी।
एक दिन चली जाती हैं वह सास सबकी बुराई लेकर और *अपनी बहू को अगली सास बनने के काबिल बनाकर ।
दीपाली कालरा