Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2016 · 1 min read

क्यूँ गलत को कहा सही अब तो

क्यूँ गलत को कहा सही अब तो
जां का दुश्मन बना यही अब तो

ज़िन्दगी एक साँस पर है टीकी
जी का जंजाल ये बनी अब तो

खेल आँखों से खेलने वालों
कब मिटेगी ये तश्नगी अब तो

एक ऐसा भी दौर देखा है
जब मुहब्बत थी बन्दगी अब तो

फिर से’ अब लौट कर हूँ आया मैं
देखने को न ज़िन्दगी अब तो

हर तरफ खौफ़ के ही बादल है
आदमी आदमी नहीं अब तो

दिल में जज़्बात ले के बैठा हूँ
धड़कने दिल में न बची अब तो

कौन समझा बयाने जज़्बाती
हर तरफ बस है दिल्लगी अब तो
जज़्बाती

1 Like · 4 Comments · 383 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खोज सत्य की जारी है
खोज सत्य की जारी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
Dr Archana Gupta
भर गया होगा
भर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
सदा बेड़ा होता गर्क
सदा बेड़ा होता गर्क
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
'हक़' और हाकिम
'हक़' और हाकिम
आनन्द मिश्र
🙅समझ जाइए🙅
🙅समझ जाइए🙅
*Author प्रणय प्रभात*
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
शायरी
शायरी
goutam shaw
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
लक्ष्मी सिंह
🇮🇳🇮🇳*
🇮🇳🇮🇳*"तिरंगा झंडा"* 🇮🇳🇮🇳
Shashi kala vyas
First impression is personality,
First impression is personality,
Mahender Singh
जब घर से दूर गया था,
जब घर से दूर गया था,
भवेश
किस्से हो गए
किस्से हो गए
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अपवाद
अपवाद
Dr. Kishan tandon kranti
शिक्षक की भूमिका
शिक्षक की भूमिका
Rajni kapoor
3080.*पूर्णिका*
3080.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
**मातृभूमि**
**मातृभूमि**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
“ GIVE HONOUR TO THEIR FANS AND FOLLOWERS”
“ GIVE HONOUR TO THEIR FANS AND FOLLOWERS”
DrLakshman Jha Parimal
फ्राॅड की कमाई
फ्राॅड की कमाई
Punam Pande
हसरतें
हसरतें
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
उस वक़्त मैं
उस वक़्त मैं
gurudeenverma198
गुनाह ना करके भी
गुनाह ना करके भी
Harminder Kaur
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
Dr. Upasana Pandey
जीव कहे अविनाशी
जीव कहे अविनाशी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
क्या बताऍं शुगर हो गई(  हास्य व्यंग्य )
क्या बताऍं शुगर हो गई( हास्य व्यंग्य )
Ravi Prakash
शहर बसते गए,,,
शहर बसते गए,,,
पूर्वार्थ
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
Chandrakant Sahu
महा कवि वृंद रचनाकार,
महा कवि वृंद रचनाकार,
Neelam Sharma
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Affection couldn't be found in shallow spaces.
Manisha Manjari
Loading...