क्या होता है रोना ?
क्या होता है रोना ?
क्या सिर्फ आंसुओ का आना ही रोने की पहचान है ?
अगर हां तो फिर उनका क्या जो झूठे आंसू निकालने में माहिर होते है ? ये लोग तो बिलकुल ही संवेदनाओं की हत्या कर देते है और कहते है साहब हम तो रो रहे है ;
फिर क्या होता है रोना ?
मैं समझता हूं किसी के प्रति अपनी संवेदनाओं को न चाहते हुए भी प्रकट न कर पाना भी रोना है ;
जब मन व्यथित हो और उसका उपाय न मिले तो यह भी रोना है
आंसू भले न निकले लेकिन जब भाव निकलते है और उनको सुनने वाला कोई नहीं तो ये भी रोना है ;
जब हमे पता है की ये चीज हमारे लिए गलत है लेकिन फिर भी हम उससे बाहर न निकल पाए तो ये भी रोना है ;
इसके बावजूद अगर अभी भी आपकी नजर में रोना केवल आंसुओं की बाढ़ लाना है तो यकीन मानो तुम्हारा इस सोच से बाहर न निकल पाना भी रोना ही है !!!
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