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1 Sep 2021 · 1 min read

क्या है?

कान्हा आज बुलाना क्या है।
कहना, तुझे भुलाना क्या है।।१।।

राधा रोए नहीं कभी भी,
यह सौगंध खिलाना क्या है।।२।।

कैसे छोड़ चले हो हमको,
अब यूॅं आंख चुराना क्या है।।३।।

गोकुल मधुवन बरसाने को,
छोड़ विरह में जाना क्या है।।४।।

बाबा नन्द यशोमति की सुधि,
मटियामेट कराना क्या है।।५।।

दिल के एवज दिल हारे सब,
उनको और हराना क्या है।।६।।

सबकी प्यास बुझाती यमुना,
मेरी प्यास बढ़ाना क्या है।।७।।

लीलाधर तुम लीला करते,
तुमको अब समझाना क्या है।।८।।

तुम चितचोर जगत के मोहन,
झूठी आश दिलाना क्या है।।९।।

**माया शर्मा,पंचदेवरी,गोपालगंज (बिहार)**

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