-क्या है जिंदगी??
कभी खुशी कभी ग़म का मेलजोल है जिंदगी,
कभी सरल कभी कठिन खीर है है जिंदगी,
कभी ग़म से भरी कभी खुशियों की टोकरी,
सुलझा कर रख यही है सही नौकरी,
ना ही रख शिकवा ना ही रख शिकायत,
पार हो जाती है जिंदगी चाहे जो हो चाहत,
जिंदगी की एक किताब है जिंदगी,
हर एक पन्ना नया पाठ है जिंदगी,
समझ कर पढ़ना, यही ज्ञान है जिंदगी,
परीक्षा का पूरा पर्चा है जिंदगी,
ध्यान रख !बस लीक ना,
नहीं तो बदनाम हो जाती है जिंदगी,
ऐसा कर कुछ अच्छा,लोग
सदियों तक नाम याद रखें
मत रूक! देख कर उलझनों को,
क्योंकि सुलझती भी है जिंदगी,
हंसकर जिएं खुल कर,
यहीं जिंदादिली है जिंदगी।
-सीमा गुप्ता