क्या ही हो..
क्या ही हो जाए,
जब एसा हो जाए,
उसकी अनकही बातें,
सब अपने आप समझ जाएं.
क्या ही हो जाए,
जब एसा हो जाए,
उसके दबे हुए,
अरमान हर कोई समझ जाएं.
क्या ही हो जाए,
जब एसा हो जाए,
उसके सहने से पहले ही,
उसके दर्द सब समझ जाएं.
कितनी अजीब बात है,
जो बेटी कभी आंखों
का तारा हुआ करती थी,
शादी के बाद,
इतनी बदल जाती है,
कि अपने दिल की बात,
किसी से भी, कहने से कतराती है.
काश!! कि एसा हो जाए,
बेटी ,…बेटी ही समझा जाए,
उसे, बहू के व्यवहार से,
न डराया जाए.
अगर, वाकई, एसा हो जाए तो,
कितना अच्छा हो,
और,
हर घर का माहौल ही बदल जाए.