Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2019 · 1 min read

क्या हर्ज़ है?

सुनने वाले का मन खुश हो जाए,
कहने वाले का कुछ भी ना जाए।
फिर तारीफ़ें करने में क्या हर्ज़ है?
औरों को खुशियाँ देना तो फ़र्ज़ है।

अनुभव कहने से मन हल्का होता,
सुनने वाले का मन उजला होता।
फिर सच्चाई कहने में क्या हर्ज़ है?
औरों को मार्ग दिखाना तो फ़र्ज़ है।

मन में कितना प्यार दबाए बैठे,
क्यों हो इसको यार छिपाए बैठे।
कहके बढ़ता कहने में क्या हर्ज़ है?
मिलके रहना तो हम सबका फ़र्ज़ है।

अनपढ़ शिक्षित है संस्कार रखे तो,
शिक्षित अनपढ़ दुर्व्यवहार रखे तो,
फिर संस्कारी बनने में क्या हर्ज़ है?
अच्छा रहना सच्चा कहना फ़र्ज़ है।

आर.एस.प्रीतम

Language: Hindi
4 Likes · 243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
DrLakshman Jha Parimal
ये भावनाओं का भंवर है डुबो देंगी
ये भावनाओं का भंवर है डुबो देंगी
ruby kumari
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
Taj Mohammad
*Nabi* के नवासे की सहादत पर
*Nabi* के नवासे की सहादत पर
Shakil Alam
■ वंदन-अभिनंदन
■ वंदन-अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन सभी का मस्त है
जीवन सभी का मस्त है
Neeraj Agarwal
हिम बसंत. . . .
हिम बसंत. . . .
sushil sarna
*अवध  में  प्रभु  राम  पधारें है*
*अवध में प्रभु राम पधारें है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"तिकड़मी दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
तब जानोगे
तब जानोगे
विजय कुमार नामदेव
सत्य आराधना
सत्य आराधना
Dr.Pratibha Prakash
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*सर्दी (बाल कविता)*
*सर्दी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
विचार और विचारधारा
विचार और विचारधारा
Shivkumar Bilagrami
कृष्ण जी के जन्म का वर्णन
कृष्ण जी के जन्म का वर्णन
Ram Krishan Rastogi
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
Dr. Man Mohan Krishna
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विश्व हुआ है  राममय,  गूँज  सुनो  चहुँ ओर
विश्व हुआ है राममय, गूँज सुनो चहुँ ओर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फादर्स डे
फादर्स डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
" माँ का आँचल "
DESH RAJ
माँ-बाप
माँ-बाप
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
शेखर सिंह
दुआ
दुआ
Shekhar Chandra Mitra
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वर्षा ऋतु के बाद
वर्षा ऋतु के बाद
लक्ष्मी सिंह
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुफ़लिसी एक बद्दुआ
मुफ़लिसी एक बद्दुआ
Dr fauzia Naseem shad
मत बुझा मुहब्बत के दिए जलने दे
मत बुझा मुहब्बत के दिए जलने दे
shabina. Naaz
Loading...