क्या सच में अब तुमको प्यार नहीं है!!
माना कि वो लम्हा साथ नहीं है!
हम तो है पर वो बरसात नहीं है!!
हमसफ़र भी हो मेरे, पास भी हो!
पर फिर भी हांथो में हांथ नहीं है!!
अच्छा होता अगर हम दूर ही होते!
सबकुछ होकर भी कुछ ख़ास नहीं है!!
नाम जुबां पर आ जाए तो हंस देते थे!
मैं हूं तेरी पर चेहरे पर मुस्कान नहीं है!!
वक्त से हारे हो या बदल गए हो तुम!
पहले जैसी अब वो बात नहीं है!!
अब तो कह दो क्यों रूठे हो हमसे!
क्या सच में अब तुमको प्यार नहीं है!!
-सोनिका मिश्रा