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9 Feb 2021 · 1 min read

क्या रुक नहीं सकते

क्या रुक नहीं सकते, एक रात के लिए।
दिल में उमड़ते जज़्बात के लिए।

आंखों में जो अश्क, आ ही गये है तो
कौन जिम्मेदार ‌ऐसे, हालात के लिए।

दूर रहने वाला ,क्यों टकराया दिल से
रुका भी नहीं किसी सवालात के लिए।

तुम से बेवफ़ाई , मैं करु भी तो‌ कैसे
मुनासिब नहीं मेरी, औकात के लिए।

कोई रास्ता दिखा, कोई राह तो बता
इश्क अच्छा नहीं ख्यालात के लिए।

Surinder Kaur

4 Likes · 6 Comments · 250 Views
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