क्या यही प्यार है….…
क्या यही प्यार है……
करूं किसे बयां !!! उन खतों को या वो लम्हें……
मिले कुछ खत मोहब्बत के आज,
मिल गए लम्हें मोहब्बत के ,तेरे मेरे आशियाना के,
जब पढ़े उन खूबसूरत लफ़्ज़ों को फिर से,
सुकून-सा महसूस किया,
हर लम्हे को तुमने बयां किया गजलों में खूबसूरती से,
अनजान थे हम एक दूसरे से, हुई मुलाकत हमारी,
मिल गए दिल हमारे, हो गया प्यार,
बंध गए पवित्र बंधन के रिश्ते में ॥
शुरुवात हुई नए सफर की,
छोटी-छोटी बातों पर करते नोक-झोंक,
कभी रूठ जाना तो कभी घंटों तक मनाते रहना ॥
बनकर आए तुम मेरी जिंदगी में मेरे हम सफर,
क्या बताऊँ कितने अज़ीज हो तुम,
छू जाती तेरी हर बात दिल को ॥
मेरे ख्वाबों की हक़ीक़त हो तुम,
मेरी मुस्कान की वजह हो तुम,
तेरा होने का एहसास,कह जाता बहुत कुछ ॥
किसे करूं बया !!! उन खत को या वो लम्हें……
इस रिश्ते की नींव है विश्वास और प्रेम,
जिंदगी है यह छोटी-सी,
बस गुजारिश है खुदा से बना रहे साथ हमारा,
जब तुम होते मेरे साथ मानों दामन में भर आती खुशियाँ ॥
क्या यही प्यार है?
हाँ,यही तो है प्यार,
यही तो है प्यार ॥